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April 30, 2020

कानपुर- पूजा करने जा रहे बुजुर्ग को मेंढक बनाकर चलवाया, थाना इंचार्ज लाइन हाजिर

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उत्तर प्रदेश के कानपूर में एक तरफ जहां लॉकडाउन के दौरान पुलिसकर्मी मानवीयता के उदाहरण पेश कर रहे हैं। वहीं, कानपुर (Kanpur) में बुधवार को एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ बदसलूकी करने के मामले ने पुलिस के अच्छे कार्यों पर पानी फेर दिया। दरअसल, बुजुर्ग घर के बाहर पूजा करने के लिए निकला था, लेकिन रास्ते में पनकी एसओ विनोद कुमार सिंह (so virendra kumar singh) ने उनके साथ बदसलूकी की। मामला आलाधिकारियों तक पहुंचा तो एसओ पर कार्रवाई का चाबुक चल गया।
जानकारी के अनुसार, बुजुर्ग से बदसलूकी करने वाले एसओ विनोद कुमार सिंह को थाने से हटाकर लाइन हाजिर कर दिया गया है। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद एडीजी और एसएसपी ने मामले की जांच कराई थी, जिसके बाद यह एक्शन लिया गया। अब उनकी जगह सजेती एसओ शैलेंद्र कुमार को चार्ज दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक, बुधवार की सुबह पनकी में एक बुजुर्ग युवक पूजा की थाल लिए घर के पास बने मंदिर में पूजा करने जा रहे थे। इस दौरान वहां गश्त पर निकले पनकी एसओ विनोद कुमार सिंह ने लॉकडाउन के उल्लंघन में बुजुर्ग को रोक लिया। लॉकडाउन के उल्लंघन को लेकर बुजुर्ग एसओ से माफी मांगने लगा, लेकिन एसओ ने पूजा की थाल में रखे कलश के जल को थाल में ही पलट दिया और बुजुर्ग को बैठने के लिए कहा।


वायरल वीडियो में सुना जा सकता है कि एसओ बुजुर्ग से बैठने के लिए कहते वक्त यह भी कह रहे हैं कि भगवान कभी-कभी परीक्षा लेता है। बुजुर्ग को बैठाने के बाद एसओ कहते हैं कि अब आप ऐसे ही मंदिर तक चलिए। इस बीच बुजुर्ग उठने की कोशिश करता है लेकिन एसओ फिर से उन्हें बैठा देते हैं और कहते हैं कि परिश्रम करिए कुछ। जब बुजुर्ग मेंढक की तरह चलकर आगे बढ़ता है तो एसओ पूछते हैं कि किस मंदिर जा रहे हैं।


एसओ पूछते हैं कि किस देवता का मंदिर हैं? इसपर बुजुर्ग कहता है कि पीपल के वृक्ष को पूजने जा रहा है। फिर एसओ कहते हैं कि कहिए कि हे! पीपल देवता मैं आ रहा हूं। एसओ की चेतावनी से डरा बुजुर्ग मेंढक चाल में ही मंदिर परिसर तक गया। पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एसओ की कड़ी आलोचना हो रही है।


मामले में एसपी पश्चिम अनिल कुमार ने बताया कि प्राथमिक जांच में पता चला है कि बुजुर्ग को घर के अंदर ही पूजा करने के लिए कहा गया। उन्हें 15-20 बार समझाया जा चुका था। वहीं, पनकी एसओ विनोद कुमार सिंह के मुताबिक, बुजुर्ग को कई बार समझाया गया, लेकिन जब तीसरी बार वह आएतो उन्हें बैठकर जाने के लिए कहा गया। किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के इरादे से ऐसा नहीं किया।

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