मुख्यपृष्ठ देश-समाज राजनीति फैक्ट-चेक हास्य व्यंग्य

May 2, 2020

श्रमिक एक्सप्रेस को लेकर पत्रकार रोहिणी सिंह ने फैलाया झूठ, मजदूरों से ज्यादा किराया वसूल रही है मोदी सरकार


Image SEO Friendly

श्रमिक एक्सप्रेस के यात्रियों को रेलवे को एक रुपया भी देने की ज़रूरत नहीं है। किराया तो लगेगा लेकिन यह ख़र्च राज्य सरकारें वहन करेंगी। बता दें कि रोहिणी सिंह कह ही तरह सीताराम येचुरी और पप्पू यादव समेत कई विपक्षी नेताओं ने भी ऐसा ही झूठ फैलाया था।

भारत सरकार ने श्रमिक एक्सप्रेस चलाकर देश भर में फँसे मजदूरों को वापस उनके गृह राज्य भेजने का फ़ैसला लिया है। ये मजदूर लगातार घर भेजे जाने की माँग कर रहे थे। पत्रकार रोहिणी सिंह ने दावा किया है कि सरकार मजदूरों से 50 रुपए अतिरिक्त ले रही है, ताकि उन्हें घर पहुँचाया जा सके। उन्होंने ‘पीएम केयर्स’ लिख कर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा। रोहिणी इससे पहले भी इस तरह का प्रोपेगेंडा फैलाती रही हैं।

रोहिणी ने अफवाह फैलाई कि मजदूरों को कुल किराए से 50 रुपए ज्यादा देने होंगे, तभी उन्हें उनके घर पहुँचाया जा सकेगा। जबकि ऐसी कोई बात नहीं है। उन्होंने ‘द हिन्दू’ की जो ख़बर शेयर की, उसमें बताया गया है कि 30 रुपए ‘सुपरफास्ट चार्ज’ और 20 रुपए का अतिरिक्त चार्ज लिया जाएगा। ऐसा ‘साउदर्न रेलवे’ की विज्ञप्ति के आधार पर दावा किया गया है।

अब आते हैं सच्चाई पर। दरअसल, कुल किराए में कम्प्लीमेंटरी मील और पीने का पानी की भी व्यवस्था है, ख़ासकर लम्बी दूरी वाले ट्रेनों में। ये सारे किराए स्लीपर क्लास के लिए तय किए गए हैं। अब आते हैं असली मुद्दे पर। दरअसल, यात्रियों को रेलवे को एक रुपया भी देने की ज़रूरत नहीं है। किराया तो लगेगा लेकिन यह ख़र्च राज्य सरकारें वहन करेंगी। बता दें कि सीताराम येचुरी और पप्पू यादव समेत कई विपक्षी नेताओं ने भी ऐसा ही झूठ फैलाया था।

598 people are talking about this
सारी जिम्मेदारी राज्यों को दी गई है, जिन्होंने इस कार्य के लिए अलग-अलग प्रदेशों में अपने नोडल अधिकारी तैनात किए हैं। राज्य ही अपने नागरिकों को रेलवे के पास लेकर जाएँगे, जिसके बाद उनकी यात्रा सुनिश्चित की जाएगी। गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप रेलवे ने ये फ़ैसला लिया है। इस सम्बन्ध में गृह मंत्रालय और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक भी हुई। सभी यात्रियों के लिए फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सारे काम होंगे।

1,887 people are talking about this
अपने गृह राज्यों में पहुँचते ही वहाँ की सरकार यात्रियों के लिए स्क्रीनिंग और मेडिकल टेस्ट की व्यवस्था करेगी। इसके बाद अगर ज़रूरत पड़ी तो उन्हें क्वारंटाइन किया जाएगा। तत्पश्चात उन्हें उनके घर भेजने की व्यवस्था भी राज्य सरकारें ही करेंगी। रेलवे ने जब ख़ुद सारी बातें स्पष्ट कर दी है, तब भी जान-बूझकर अफवाहों के बाज़ार को गर्म रखा जा रहा है। मजदूरों के लिए सारी सेवाएँ एकदम मुफ्त हैं।

बता दें कि वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरिसया ने इसी तरह की हरकतों के कारण एक बार रोहिणी की क्लास लगाई थी। उन्होंने कहा था कि उनका परिचय किसी ने नीरा राडिया से नहीं कराया था और साथ ही वो रोहिणी की तरह डिजाइनर पत्रकार नहीं हैं। चौरसिया ने रोहिणी को करारा जवाब देते हुए यह भी कहा था कि उन्होंने आज तक किसी सरकार से 3BHK फ्लैट लेकर कोई ख़बर नहीं लिखी है।

No comments:

Post a Comment

कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।